Monday, December 24, 2018

मेरा उनको नमन/MERA UNKO NAMAN

है नमन-है नमन मेरा उनको नमन-2,
जिनकी रचना है सुरज और धरती गगन।
है नमन ..........-2।
 

                 
 हर मुसिबत से मुझको निकाला है जो,
मुझपे आई बलाओं को टाला है जो।
कुछ कहा भी नहीं जिसने सब सुन लिया,
कुछ भी माँगा नहीं जिसने सबकुछ दिया।
है नमन-है नमन मेरा उनको नमन-2।


जिनकी मर्जी से चलती ये हवा, ये धरा,
जिसने माटी की मुरत में जीवन भरा।
जिसने फूलों को खुशबू और मुस्कान दी,
हर प्राणी को जीने की ज्ञान दी।
है नमन-है नमन मेरा उनको नमन-2।


मेरे सर पे सदा उनकी साया रहे,
वो हर बुराई से मुझको बचाया रहे।
गर.. मैं भूलूँ तो मुझको बता फर्ज दे,
मैं सत्य के पथ पर चलूँ,इतनी सामर्थ दे।
है नमन-है नमन मेरा उनको नमन-2।

जिनकी रचना सुरज और धरती-गगन,
है नमन -है नमन मेरा उनको नमन-2।
                 🙏🙏🙏

शिक्षक दिवस पर शायरी।

विधार्थियों से मैं  कहता हूँ,  शिक्षकों का सम्मान करें। है शिक्षकों से अनुरोध मेरा,  विधार्थियों का चरित्र निर्माण करें।