Hindi poem on friendship
नंगे पांव और ज्येष्ठ दुपहरी,संग जिसके शीतल लगती थी।
दोस्त मेरा सब हीरा था,हर रिश्ता पीतल लगती थी।
वो दोस्त पुराने खो गये,याद उनकी आई तो रो गये -2।
मेरे घरवालों से नजरें चुराकर,खेलने को बुलाया करता था।
जब भी मैं उदास होता, वो मुझे हँसाया करता था।
जो छोटी-मोटी बातों को भी,मुझे बताया करता था।
मेरी खुशियों का डगर जो था, मेरी राहों का हमसफर जो था।
वो सारे दोस्त पुराने खो गये,याद उनकी..........-2।
हर खून के रिश्ते से दोस्ती का ओहदा ऊपर था,
गंगाजल-सा पवित्र और दोस्त मेरा सब सुपर था।
फिर से मुझे दोस्ती का वोही जमाना मिल जाता,
सारी दौलत-शोहरत लेकर भी,वो दोस्त पुराना मिल जाता।
मेरे दीये का बाती जो था,मेरे बचपन का साथी जो था।
वो सारे दोस्त पुराने खो गये,याद उनकी ...........-2।
कुछ दोस्त कमाने निकल गये,कुछ दोस्त बिलकुल बदल गये।
किसी को काम से फुर्सत नहीं,किसी को दोस्तों की जरूरत नहीं।
मेरे संग स्कूल जाता जो था, मेरे हर गम को बांटा जो था।
वो सारे दोस्त पुराने खो गये,याद उनकी...........-3।।
Hindi poem on friendship
Hindi poem on friendship |
मेरे घरवालों से नजरें चुराकर,खेलने को बुलाया करता था।
जो छोटी-मोटी बातों को भी,मुझे बताया करता था।
मेरी खुशियों का डगर जो था, मेरी राहों का हमसफर जो था।
वो सारे दोस्त पुराने खो गये,याद उनकी..........-2।
Hindi poem on friendship |
हर खून के रिश्ते से दोस्ती का ओहदा ऊपर था,
गंगाजल-सा पवित्र और दोस्त मेरा सब सुपर था।
फिर से मुझे दोस्ती का वोही जमाना मिल जाता,
सारी दौलत-शोहरत लेकर भी,वो दोस्त पुराना मिल जाता।
मेरे दीये का बाती जो था,मेरे बचपन का साथी जो था।
वो सारे दोस्त पुराने खो गये,याद उनकी ...........-2।
Hindi poem on friendship |
कुछ दोस्त कमाने निकल गये,कुछ दोस्त बिलकुल बदल गये।
किसी को काम से फुर्सत नहीं,किसी को दोस्तों की जरूरत नहीं।
मेरे संग स्कूल जाता जो था, मेरे हर गम को बांटा जो था।
वो सारे दोस्त पुराने खो गये,याद उनकी...........-3।।
Hindi poem on friendship |