दर्द भरी ग़ज़ल(Dard bhari ghazal)
अगर हुई कोई ख़ता मुझसे तो मुझे बतलाओ तुम,पल भर रिश्ता सदियों का तोड़कर न जाओ तुम।
वो सपने जो दिखाये थे प्यार में मुझे तूने,
खिले -खिले हैं अभी फूलो सा।
इसे ममोड़ के न जाओ तुम।।
पल भर में.......................2।
तुम्हीं ने प्यार दिया और ग़म भी दिये,
तुम जख़्म दिया और मरहम भी दिये।
सोचता हूँ तुम्हें कोसूँ या दुआ करूँ,
समझ में कुछ नहीं आता मुझे बतलाओ तुम।
पल भर में ........................2।
अगर तू मजबूर है तो तेरी मजबूरियां तो सुनूँ ,
तेरी जुवां कुछ और कह रही है और आँखें कुछ और।
बात क्या हो गई मुझे बतलाओ तुम।
पल भर में................................3।
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