Friday, October 26, 2018

तुम्हारी याद आती है।

आजा-आजा बेवफा तुम्हारी याद आती है-2,
रहुँ कैसे मैं तेरे बिन,जुदाई काट खाती है।
आजा-आजा बेवफा............2।
सम्हले रखा हूँ तेरे,सभी सभी खत मैं लिफाफों में,
पड़ा है आज भी तेरा वो सूखे फूल किताबों में,
तेरी तेरी तस्वीर पे नजरें हों तो दिल चीख जाती है।
आजा-आजा बेवफा............2।
मुझे इस हाल में तुमको अगर छोड़ जाना था,
दिखाकर प्यार के सपने अगर दिल तोड़ जाना था,
तुम्हें न प्यार करना था,तुम्हें न दिल लगाना था।
अब लौट भी आओ बेवफा,तू मेरे बचपन की साथी है।
आजा-आजा बेवफा............।रहुँ कैसे मैं तेरे ........।
आजा-आजा बेवफा तुम्हारी याद आती है-2।
                    

Thursday, October 18, 2018

हुये अजनबी,

हम तो शहर में हुये अजनबी-हम तो अपने शहर में हुये अजनबी,
ये शहर छोड़कर जबसे तू चल गई। हम तो शहर ..........2।
भीड़ लाखों के है, सडक़-गलियां वही-2,
पर दिखाई न दे तेरा चेहरा कहीं,
आँसू पी-पी कैसे जीता हूँ मैं,
हल क्या है मेरा आके देखो कभी।
हम तो अपने शहर में हुये अजनबी,
ये शहर ...........,हम तो ........।2

पूछती है पता तेरी-तन्हाईयाँ मेरी-2,
मैं बताऊँ तो क्या, मुझको खुद न पता-2,
रोज फिरता हूँ मैं तेरे घर की गली।
हम तो अपने शहर हुये अजनबी,
ये छोड़कर ........,हम तो........2।

जर्रे-जर्रे में यहाँ बस तेरी याद है-2,
दम तेरी बाहों में निकले ये रब फरियाद है।
बची कुछ साँसें है,पूरी कर दे तमन्ना सनम आखिरी।
हम तो अपने शहर में हुये अजनबी,
ये शहर छोड़कर जब से तू चल गई।
 हम तो अपने शहर में हुये अजनबी -4



                 
                 

Sunday, October 14, 2018

बेवफा

अब तुम तक पहुँचना मुमकिन नहीं है शायद,
मंजिल न बदले तो क्या करें हम ?
                       😄😄😄
मैं भी चाहता हूँ मगर टकरार कैसे छोड़ दूर,
होकर दीवाना राहे मोहब्बत मैं यार कैसे छोड़ दूँ,
वो नफरत छोड़ नहीं सकती तो मैं प्यार कैसे छोड़ दूँ।
                        😄😄😄
भूल गया अपना पता ,तेरी पहचाना बाकी है,
जो मेरी जिन्दगी को अंधेरा कर दे अभी वो शाम बाकी है।
अभी तो जाना मुझे शमशान बाकी है
बेवफा अभी तो सिर्फ दिल टूटा है अभी जान बाकी है-अभी जान बाकी है।
                          😄😄😄
अफसोस मेरी चाहत को तूने क्या समझा,
हम इतने बूरे भी नहीं सनम तूने जितना बूरा समझा।
गलती मेरी है जो पत्थर के टुकड़े को खुदा समझा,
मैं जानता था तुम बेवफा हो,लेकिन कभी नहीं तुझे बेवफा समझा।।
                            😄😄😄
तेरे लिए हर वादा तोड़ जाऊँगा मैं,
कदम डगमगाते देखकर तू हैरान मत होना,तेरे लिए फिर भी दौड़ जाऊँगा मैं।

तबज्जो न दिया उसने मेरी मोहब्बत को ,
प्यार हम जिनसे बेपनाह करते रहे।
                      😄😄😄
कौन कहता है मैं उसके दहलीज तन्हा लौटा हूँ ?
ये दर्द, ये अश्क,ये तन्हाई,उसी ने तो दिया है मुझे।
                       😄😄😄




Sunday, October 7, 2018

जीवन भी एक पहेली है।

            
 न समझे तो शत्रु है, समझ गये तो सहेली है, 
        जीवन भी एक पहेली है-जीवन भी एक पहेली है।
कौन है सच्चा,कौन है झूठा,उसको तू पहचान जरा,
चेहरे के पिछे चेहरा है,उस चेहरे को जान जरा।     
किससे है तेरा नाता गहरा, किसका तू बन बैठा मोहरा,
संधर्ष कड़ा है जीवन में,रोमांच भरा है जीवन में।
बस! प्रयत्न कर तू ,मिटे-न मिटे जो लिखी तेरी हथेली है।
जीवन भी एक पहेली.......2।
 दृष्टिकोण बदलकर समझो, जीवन के आयाम को,
जीवन के उद्देश्य को समझो,समझो अपने काम को,
तुम सह सकते बज्र को भी,आती है मुशिकलें आने दो,
संधर्ष करो-संधर्ष करो,व्यर्थ न जीवन जाने दो।
ये कभी गरीब की कुटिया है-कभी राजा की हवेली है।
जीवन भी एक पहेली............2।

न समझे तो शत्रु है, समझ गये तो सहेली है,
जीवन भी एक पहेली है-जीवन भी एक पहेली है।

Wednesday, October 3, 2018

वो स्कूल-काॅलेज की लड़की

गलती सेे मिल गये तो अपनी राहों में मुझे खड़ी समझती है।
अपने आप को जादूू की छड़ी समझती है।
अरे क्यों न दिखाऊँ आईना,आजकल बंदरी भी अपने-आप को परी समझती है।।
                               🤗🤗🤗
नशा प्यार से ज्यादा कहाँ वाइन🍷में होता है।
केवल एक झलक पाने के लिए रोज किसी का राह ताकना,
ऐसा केवल स्कूल-कॉलेज के टाईम में होता है।।
                              😄😄😄
उसके भाईयों ने मुझे कूटा,
कि उसके गलियों में मेरा दम निकला।
हम जिसे अपना आइटम कहते थे,
साला वो आइटम बम निकला।।
                          😀😀😀
मैं वो चिपकू आशिक हूँ,
जो हर वक्त तेरी दामन से चिपका रहेगा।
कभी तो खत्म तेरी बेवफाई का सिलसिला होगा,
इक दिन तो तेरी नफरत पे मेरे प्यार का फताह होगा।
और मजा आयेगी टक्कर में जब ये तुम्हें पहले से पता होगा।।
                             😀😀😀
तुम जो मिल जाओ तो कोई ख़्वाहिश बाकी न हो,
वो कौन-सी घड़ी है सनम जो याद तेरी आती न हो।
और तू उस रास्ते से मेरी ज़िन्दगी में आना,
जो फिर लौट के जाती न हो।।
     मेरी शायरी          
जुगनू के चमक से उजाले कहाँ होते सनम।
चाहने वाले तो बहुत मिलते, पर दिलवाले कहाँ होते सनम।। 
😀😀😀
तुम वो गुलाब हो, जिसे दिन-रात देखने को जी चाहता है।
तुम वो शराब हो, जिसे शाम-ओ-सहर पीने को जी चाहता है। 
मरने की तमन्ना है तेरी बांहों में, और तेरी बांहों में जीने को जी चाहता  है।। 
😀😀😀
तुमसे तन्हाई में मिलते,कभी ऐसा इक्तिफाक होता, 
तेरी गोद में सर तेरी हाथो में हाथ होता। 
चोरी-चुपके रोज हम दोनों का मुलाकात होता, 
एक-दूसरे के बांहों होते, जब रिमझिम बरसात होता। 
एक-दूजे में खो जाते क्या बात होता ,
हमदोनो जुदाई के लिए तरसते ऐसा अपना साथ होता ।।
  😀😀😀  
बनाने लगे हैं रेत का महल,विखरने का डर है। 
आने लगे हैं करीब हम दोनों,बछड़ने का डर है। 
प्यार में हद से गुजरने का डर है ।
अब जुदा हुए तो जी न सकूँगा शायद, 
बढ़ी बेकरारी तो मरने का डर है।। 
                     😀😀😀  
जज्म है तुझे पाने का अफसोस ये मगर है। 
मुझे आज भी  तेरी मुकर जाने का डर है। ।
मत पढ ज्यादा आँखों का किताब बूरा होता है। 
प्यार करना दिल-ए-बेताब बूरा होता है। 
प्यार के सपने सुहाने जरूर होते हैं लेकिन, 
सुनते आये हैं ये ख्बाव बूरा होता है।। 
   😀😀😀
तुमसे हीं मेरी हर खुशी क्यों है? 
मैं कोई नहीं तेरा, तो तू मेरी ज़िन्दगी क्यों है ?
मैं नहीं जानता तुमसे बेपनाह प्यार की वजह, 
तुहीं बता दे तुम्हें मुझसे दुश्मनी क्यों है? 
  😀😀😀
तुझे  पाने के लिए मैंने क्या-क्या नहीं किया। 
तू भी गजब बेवफा है, जो कभी वफा नहीं किया। ।
   😀😀😀
मेरे जलते दिल की चिंगारी से किसी का घर न जले। 
इसलिए ऐ खुदा जब शादी हो उसका तो मुझे पता न चले।। 
😀😀
जी रहा हूँ मर-मर के मैं परिन्दा हूँ। 
साँसे नहीं टूटी अबतक बस जिन्दा  है।। 
हम वो दीवाने नहीं, जो किसी के आँखों से डर जायें, 
हम कोई रेत का महल नहीं,जो हवा के झोकों से बिखर जायें। 
हम तो वो चट्टान हैं,जो तूफानो में भी ठहर जायें-ठहर जायें।।
   😀😀😀
मिल के जमीं-आसमाँ कभी बातें चार जरूर किया होगा। 
अब बिछड़कर रोता है आसमाँ तो हँसती है धरती ,
जमीं बेवफाई और आसमाँ प्यार जरूर किया होगा।।
   😀😀😀
नाम मेरा जिसके लवो पे होता था,वो बदली-2 सी दिखता है।
मैं आज भी आहट से पहचान जाता हूँ, और वो मेरा नाम पुँछती है।। 
  😀😀😀
तमाम वादे तोड़कर इक वादा निभाऊँ, 
आसमाँ से तोड़कर तारे,तेरी माँग सजाए। 
हसरत न पूँछ दिल का गुज़ारिश है तुमसे, 
तू मुझमें खो जाये मैं तुझमें खो जाऊँ।। 
   😀😀😀
मैं किसी पे अपना जाँ निसार क्यों करूँ,बेवफा है वो एतवार क्यों करूँ।
मैं जानता हूँ वो नहीं आयेगी, फिर उनका इंतेजार क्यों करू।। 
उनकी लवो को गुलाब की पंखुड़ी कहा तो क्या कहा ।
उनकी आँखों को मयखाना,कमसीन बदन को अंगूरी कहा तो क्या कहा।
 वो मेरा दिल,मेरी जान,मेरी ज़िन्दगी है,उसे परी कहा तो क्या कहा।। 
😀😀😀


          
     
                         
   

शिक्षक दिवस पर शायरी।

विधार्थियों से मैं  कहता हूँ,  शिक्षकों का सम्मान करें। है शिक्षकों से अनुरोध मेरा,  विधार्थियों का चरित्र निर्माण करें।