गलती सेे मिल गये तो अपनी राहों में मुझे खड़ी समझती है।
अपने आप को जादूू की छड़ी समझती है।
अरे क्यों न दिखाऊँ आईना,आजकल बंदरी भी अपने-आप को परी समझती है।।
🤗🤗🤗
नशा प्यार से ज्यादा कहाँ वाइन🍷में होता है।
केवल एक झलक पाने के लिए रोज किसी का राह ताकना,
ऐसा केवल स्कूल-कॉलेज के टाईम में होता है।।
😄😄😄
उसके भाईयों ने मुझे कूटा,
कि उसके गलियों में मेरा दम निकला।
हम जिसे अपना आइटम कहते थे,
साला वो आइटम बम निकला।।
😀😀😀
मैं वो चिपकू आशिक हूँ,
जो हर वक्त तेरी दामन से चिपका रहेगा।
कभी तो खत्म तेरी बेवफाई का सिलसिला होगा,
इक दिन तो तेरी नफरत पे मेरे प्यार का फताह होगा।
और मजा आयेगी टक्कर में जब ये तुम्हें पहले से पता होगा।।
😀😀😀
तुम जो मिल जाओ तो कोई ख़्वाहिश बाकी न हो,
वो कौन-सी घड़ी है सनम जो याद तेरी आती न हो।
और तू उस रास्ते से मेरी ज़िन्दगी में आना,
जो फिर लौट के जाती न हो।।
अपने आप को जादूू की छड़ी समझती है।
अरे क्यों न दिखाऊँ आईना,आजकल बंदरी भी अपने-आप को परी समझती है।।
🤗🤗🤗
नशा प्यार से ज्यादा कहाँ वाइन🍷में होता है।
केवल एक झलक पाने के लिए रोज किसी का राह ताकना,
ऐसा केवल स्कूल-कॉलेज के टाईम में होता है।।
😄😄😄
उसके भाईयों ने मुझे कूटा,
कि उसके गलियों में मेरा दम निकला।
हम जिसे अपना आइटम कहते थे,
साला वो आइटम बम निकला।।
😀😀😀
मैं वो चिपकू आशिक हूँ,
जो हर वक्त तेरी दामन से चिपका रहेगा।
कभी तो खत्म तेरी बेवफाई का सिलसिला होगा,
इक दिन तो तेरी नफरत पे मेरे प्यार का फताह होगा।
और मजा आयेगी टक्कर में जब ये तुम्हें पहले से पता होगा।।
😀😀😀
तुम जो मिल जाओ तो कोई ख़्वाहिश बाकी न हो,
वो कौन-सी घड़ी है सनम जो याद तेरी आती न हो।
और तू उस रास्ते से मेरी ज़िन्दगी में आना,
जो फिर लौट के जाती न हो।।
जुगनू के चमक से उजाले कहाँ होते सनम।
चाहने वाले तो बहुत मिलते, पर दिलवाले कहाँ होते सनम।।
😀😀😀
तुम वो गुलाब हो, जिसे दिन-रात देखने को जी चाहता है।
तुम वो शराब हो, जिसे शाम-ओ-सहर पीने को जी चाहता है।
मरने की तमन्ना है तेरी बांहों में, और तेरी बांहों में जीने को जी चाहता है।।
😀😀😀
तुमसे तन्हाई में मिलते,कभी ऐसा इक्तिफाक होता,
तेरी गोद में सर तेरी हाथो में हाथ होता।
चोरी-चुपके रोज हम दोनों का मुलाकात होता,
एक-दूसरे के बांहों होते, जब रिमझिम बरसात होता।
एक-दूजे में खो जाते क्या बात होता ,
हमदोनो जुदाई के लिए तरसते ऐसा अपना साथ होता ।।
😀😀😀
बनाने लगे हैं रेत का महल,विखरने का डर है।
आने लगे हैं करीब हम दोनों,बछड़ने का डर है।
प्यार में हद से गुजरने का डर है ।
अब जुदा हुए तो जी न सकूँगा शायद,
बढ़ी बेकरारी तो मरने का डर है।।
😀😀😀
जज्म है तुझे पाने का अफसोस ये मगर है।
मुझे आज भी तेरी मुकर जाने का डर है। ।
मत पढ ज्यादा आँखों का किताब बूरा होता है।
प्यार करना दिल-ए-बेताब बूरा होता है।
प्यार के सपने सुहाने जरूर होते हैं लेकिन,
सुनते आये हैं ये ख्बाव बूरा होता है।।
😀😀😀
तुमसे हीं मेरी हर खुशी क्यों है?
मैं कोई नहीं तेरा, तो तू मेरी ज़िन्दगी क्यों है ?
मैं नहीं जानता तुमसे बेपनाह प्यार की वजह,
तुहीं बता दे तुम्हें मुझसे दुश्मनी क्यों है?
😀😀😀
तुझे पाने के लिए मैंने क्या-क्या नहीं किया।
तू भी गजब बेवफा है, जो कभी वफा नहीं किया। ।
😀😀😀
मेरे जलते दिल की चिंगारी से किसी का घर न जले।
इसलिए ऐ खुदा जब शादी हो उसका तो मुझे पता न चले।।
😀😀
जी रहा हूँ मर-मर के मैं परिन्दा हूँ।
साँसे नहीं टूटी अबतक बस जिन्दा है।।
हम वो दीवाने नहीं, जो किसी के आँखों से डर जायें,
हम कोई रेत का महल नहीं,जो हवा के झोकों से बिखर जायें।
हम तो वो चट्टान हैं,जो तूफानो में भी ठहर जायें-ठहर जायें।।
😀😀😀
मिल के जमीं-आसमाँ कभी बातें चार जरूर किया होगा।
अब बिछड़कर रोता है आसमाँ तो हँसती है धरती ,
जमीं बेवफाई और आसमाँ प्यार जरूर किया होगा।।
😀😀😀
नाम मेरा जिसके लवो पे होता था,वो बदली-2 सी दिखता है।
मैं आज भी आहट से पहचान जाता हूँ, और वो मेरा नाम पुँछती है।।
😀😀😀
तमाम वादे तोड़कर इक वादा निभाऊँ,
आसमाँ से तोड़कर तारे,तेरी माँग सजाए।
हसरत न पूँछ दिल का गुज़ारिश है तुमसे,
तू मुझमें खो जाये मैं तुझमें खो जाऊँ।।
😀😀😀
मैं किसी पे अपना जाँ निसार क्यों करूँ,बेवफा है वो एतवार क्यों करूँ।
मैं जानता हूँ वो नहीं आयेगी, फिर उनका इंतेजार क्यों करू।।
उनकी लवो को गुलाब की पंखुड़ी कहा तो क्या कहा ।
उनकी आँखों को मयखाना,कमसीन बदन को अंगूरी कहा तो क्या कहा।
वो मेरा दिल,मेरी जान,मेरी ज़िन्दगी है,उसे परी कहा तो क्या कहा।।
😀😀😀
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