Friday, October 26, 2018

तुम्हारी याद आती है।

आजा-आजा बेवफा तुम्हारी याद आती है-2,
रहुँ कैसे मैं तेरे बिन,जुदाई काट खाती है।
आजा-आजा बेवफा............2।
सम्हले रखा हूँ तेरे,सभी सभी खत मैं लिफाफों में,
पड़ा है आज भी तेरा वो सूखे फूल किताबों में,
तेरी तेरी तस्वीर पे नजरें हों तो दिल चीख जाती है।
आजा-आजा बेवफा............2।
मुझे इस हाल में तुमको अगर छोड़ जाना था,
दिखाकर प्यार के सपने अगर दिल तोड़ जाना था,
तुम्हें न प्यार करना था,तुम्हें न दिल लगाना था।
अब लौट भी आओ बेवफा,तू मेरे बचपन की साथी है।
आजा-आजा बेवफा............।रहुँ कैसे मैं तेरे ........।
आजा-आजा बेवफा तुम्हारी याद आती है-2।
                    

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शिक्षक दिवस पर शायरी।

विधार्थियों से मैं  कहता हूँ,  शिक्षकों का सम्मान करें। है शिक्षकों से अनुरोध मेरा,  विधार्थियों का चरित्र निर्माण करें।