(1) मुझे फकीरी में जीने देे,
अपना फिदरत बदल भी लिया तो क्या मिलेेगा ?
यहाँ बहुत है ज़मीर बेचनेवाले,हम भी बेचे तो क्या मिलेेेगा?
☺️☺️☺️
(2) हम उन्हें रोज याद करते रहे, उन्हें भूलाने की जिद्द में।
और वो रोज तड़पती रही, हमें तड़पाने की जिद्द में।।
😊😊😊
(3) दिल के किसी कोने में समा गई हो तुम।
मैं तो अब भी तुम्हें याद करता हूँ ,
लगता है मुझे भूला गई हो तुम।।
😊😊😊
(4) खुश थे मेेरी मैैयित में मुझसे वफा करने वाले ,
सुना है फूट-फूटकर रोये हैं मुझसे दगा करने वाले।
😂😂😂
(5) हम नादान निकले दिल के बाजार में,
बरना दिल कौन बेचता है आजकल उधार में।
और तुम्हें तो हर हुनर मालूम था,
इसलिए तू सबसे आगे खड़ी थी मेरे दिल के खरीदार में।।
(6) न आये जीते-जी,न मैयित पेे,और कब कबर ढ़ूंढने आयेे।
जब मैं उनका शहर छोड़ दिया,तो सुना है वो मेरा घर ढ़ूंढने आये ।।
😊😊😊
(7) अपने शहर की हर चौक-चौराहे पर पसरी है तेरी यादें,
मैं जहाँ से भी गुजरता हूँ मुझे काटने को दौड़ती है।।
😊😊😊
(8)भागदौड़ की जिंदगी में मुझेे इक पहर दे दो,
अगर दे नहीं सकती प्यार तो ला मुझे जहर दो।
😊😊😊
(9)जमाने में चाहने वाले मुझे भी कम नहीं थे,
बस!मेरी किस्मत में तू नहीं थी या तेरे मुकद्दर में हम नहीं थे।
😊😊😊
(10)हम उसे क्या समझ रहे थे और वो क्या निकली,
वो मेरी होके भी मुझे उम्रभर चैन से जीने नहीं देती,
अच्छा हुआ की वो बेवफा निकली।
अपना फिदरत बदल भी लिया तो क्या मिलेेगा ?
यहाँ बहुत है ज़मीर बेचनेवाले,हम भी बेचे तो क्या मिलेेेगा?
☺️☺️☺️
(2) हम उन्हें रोज याद करते रहे, उन्हें भूलाने की जिद्द में।
और वो रोज तड़पती रही, हमें तड़पाने की जिद्द में।।
😊😊😊
(3) दिल के किसी कोने में समा गई हो तुम।
मैं तो अब भी तुम्हें याद करता हूँ ,
लगता है मुझे भूला गई हो तुम।।
😊😊😊
(4) खुश थे मेेरी मैैयित में मुझसे वफा करने वाले ,
सुना है फूट-फूटकर रोये हैं मुझसे दगा करने वाले।
😂😂😂
(5) हम नादान निकले दिल के बाजार में,
बरना दिल कौन बेचता है आजकल उधार में।
और तुम्हें तो हर हुनर मालूम था,
इसलिए तू सबसे आगे खड़ी थी मेरे दिल के खरीदार में।।
(6) न आये जीते-जी,न मैयित पेे,और कब कबर ढ़ूंढने आयेे।
जब मैं उनका शहर छोड़ दिया,तो सुना है वो मेरा घर ढ़ूंढने आये ।।
😊😊😊
(7) अपने शहर की हर चौक-चौराहे पर पसरी है तेरी यादें,
मैं जहाँ से भी गुजरता हूँ मुझे काटने को दौड़ती है।।
😊😊😊
(8)भागदौड़ की जिंदगी में मुझेे इक पहर दे दो,
अगर दे नहीं सकती प्यार तो ला मुझे जहर दो।
😊😊😊
(9)जमाने में चाहने वाले मुझे भी कम नहीं थे,
बस!मेरी किस्मत में तू नहीं थी या तेरे मुकद्दर में हम नहीं थे।
😊😊😊
(10)हम उसे क्या समझ रहे थे और वो क्या निकली,
वो मेरी होके भी मुझे उम्रभर चैन से जीने नहीं देती,
अच्छा हुआ की वो बेवफा निकली।
(11)वो मेेेरे करीब से इस उम्मीद में गुजरी की मैैं कुछ कहूँगा उसे,
लेकिन मेरी खामोशी नेे उसका धड़कन बढ़ा दिया।
😊😊😊
(12) तेरी मोहब्बत का सबसे ज्यादा हकदार हैं हम,
रिश्ते की उलझनों का समझ नहीं है मुझे,
बस!मुझे इतना पता है मेरा प्यार है तू और तेरा प्यार हैं हम।
😊😊😊
(13)लाख कतरे कोई पर तेरा,
फिर भी मंंजिल तक हौसला रखना।
तेेरी मंंजिल तुम्हें मिले न जबतक,
जरा लड़कियों से फासला रखना।।
😊😊😊
(14)कैसे कर लूँ तेरा एतवार मैैं,मुझे मोहब्बबत से डर लगता है।
आसान है किसी को दिल में बसाना लेकिन,भुलाने में इक उमर लगता है।
😊😊😊
(15) प्यार में मुुुझे गम निशानी दिये,
हँसते आँखों को मेरे पानी दिये।
बचपन में सपने मुझे,किसी और को जवानी दिये।।
(16) मैं डूूूब जाऊँ तुुझमें तूू प्यार से शराबोर कर दे,
अपनी बांहों मेें जीने दे,करम इतना तू और कर दे,
मैं अंधेरे को तरसूँ, तू मेरी ज़िन्दगी को इतना अंजोर कर दे।
😊😊😊
(17) बदलते जमाने में बदल रहा है ,और मैं तेरे
बिगड़ जाने का गम करूँ अच्छा नहीं लगता।
तेरी याद में आँखें नम करुँ अच्छा नहीं लगता,
तू नहीं तो मिली तो क्या? तुझ-सा बहुत मिल जायेंगें,
तेरी लिए रोऊँ-मातम करूँ अच्छा नहीं लगता।।
😊😊😊
(18) दिल का दर्द और बढ़ जाता है हवा पुरवाई में,
हमें तुम याद आती हो तन्हाई में,
हमदोनो एक हीं रास्ते पर चले मगर,
हम डूब गये गमों की खाई में और तुम खूब
नाम कमाई बेवफाई में ।।
😊😊😊
(19) आई जवानी तो बचपन बताये साथ भूल गई ,
जुवाँ पे रहने लगा नाम किसी का,मेेेेरी हर बात भूल गई।
वो छोटी-सी उपलब्धि में अपना औकात भूल गई। ।
😊😊😊
(20) कैसे छोड़ दूँ उसके गलियों सेे गुुजरना मैं,रहते हैं हमदोनो एक हीं शहर में।
अपना घर कैसे न जाऊँ मैं पड़ता है उसी के घर की डगर में।।
(21) उन्हें मेरे खिलाफ बहकाया गया है,
वो बेेवफा नहीं थी उसे बनाया गया है ।
मेरी मोहब्बत किसी की साजिश का शिकार हुई है तो,
अब मैं भी उनसे प्यार करना जोड़ दूर,
यही मेरे अपने द्वारा मुझे समझाया गया है।।
Very good shyari.
ReplyDeleteThanks
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